Supertech के पास घर खरीदारों को पैसे वापस करने के लिए नहीं हैं पर्याप्त फंड, सुप्रीम कोर्ट में दी गई जानकारी
Supertech builders news: पिछले साल अगस्त में, सुप्रीम कोर्ट ने दोनों टावरों को गिराने का आदेश दिया था और अपार्टमेंट खरीदने वाले घर खरीदारों को पैसे वापस करने के लिए कहा था.
107 घर खरीदार हैं जिन्हें अभी तक रिफंड नहीं मिला है. (फाइल फोटो)
107 घर खरीदार हैं जिन्हें अभी तक रिफंड नहीं मिला है. (फाइल फोटो)
Supertech builders news: मुश्किलों से घिरे रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक के पास घर खरीदारों को पैसे वापस करने के लिए पर्याप्त फंड नहीं हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में ये जानकारी दी गई. सुपरटेक लिमिटेड के पास नोएडा में स्थित इसके 40-मंजिला ट्विन टावरों में अपार्टमेंट खरीदने वाले लोगों को रिफंड के लिए पर्याप्त पैसे नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा में इसके ट्विन टावर्स को जल्द ही ध्वस्त कर दिया जाएगा. पिछले साल अगस्त में, शीर्ष अदालत ने दोनों टावरों को गिराने का आदेश दिया था और अपार्टमेंट खरीदने वाले घर खरीदारों को पैसे वापस करने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट में दी यह जानकारी
न्याय मित्र (Amicus curiae) गौरव अग्रवाल ने न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने कहा कि रियल एस्टेट फर्म के पास घर खरीदारों को रिफंड की प्रक्रिया के लिए उसके खाते में पर्याप्त धन नहीं है. सुपरटेक के वकील ने तर्क दिया कि उसने बकाया भुगतान के संबंध में विवाद को सुलझाने के लिए वित्तीय लेनदार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ बातचीत की है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने अग्रवाल से कहा कि घर खरीदारों को रिफंड के लिए कोई रास्ता निकालना होगा.
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अग्रवाल ने कहा कि अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) के अनुसार, कंपनी के खातों में रिफंड के लिए पर्याप्त राशि नहीं है. उन्होंने कहा कि 107 घर खरीदार हैं जिन्हें अभी तक रिफंड नहीं मिला है. अदालत के निर्देश के अनुसार एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट दायर की गई है. सर्वोच्च न्यायाल को सूचित किया गया कि फर्म के पूर्व मैनेजमेंट ने कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) का रुख किया है और मामला 17 मई को लिस्टेड है.
107 घर खरीदारों को नहीं मिले पैसे
सुपरटेक लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट एस.गणेश ने कहा कि बैंक के साथ अब तक कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं और बकाया रकम के विवाद को सुलझाने के लिए और भी कई बैठकें हो सकती है. अग्रवाल ने कहा कि अगर वित्तीय लेनदार के साथ समस्या का समाधान हो जाता है, तो 711 से अधिक घर खरीदारों में से 107 घर खरीदारों की स्थिति वापस वही हो जाएगी, जो दिवाला प्रक्रिया शुरू होने से पहले थी. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 मई को निर्धारित की है. 4 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह रियल एस्टेट फर्म के खिलाफ दिवाला कार्यवाही में आईआरपी की नियुक्ति के मद्देनजर सुपरटेक के 40 मंजिला ट्विन टावर घर खरीदारों के हितों की रक्षा करेगा.
शीर्ष अदालत ने भुगतान की वापसी के लिए उनके दावे 15 अप्रैल तक दायर करने का निर्देश दिया. रियल्टी फर्म ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि वह नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी, जिसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा लगभग 432 करोड़ रुपये के बकाए का पेमेंट न करने के लिए दायर याचिका पर इसे दिवालिया घोषित किया गया था. अग्रवाल द्वारा अदालत में पेश किए गए नोट में कहा गया है कि, सुपरटेक लिमिटेड द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 711 ग्राहकों/यूनिट्स में से, 652 यूनिट्स/ग्राहकों के दावों का निपटान/भुगतान किया गया है. 59 घर खरीदारों को अभी भी राशि वापस करनी है. वहीं मूलधन बकाया 14.96 करोड़ रुपये होगा.
10:22 PM IST